माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

चित्र
 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

किताब

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किता

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किताब ज्ञान का भंडार है,
हरती  मन का  विकार है।
हमेशा पथप्रदर्शक बन कर,
विहार  कराती  संसार  है।

हमें  सही  राह  दिखाती  है,
सुख दुख में साथ निभाती है।
अगर  कही भी उलझन हो,
उसे सुलझाना सिखाती है।

ऊँच नीच का भाव मिटाकर,
हम  सब को गले लगाती है।
एकता  की  डोर में पिरोकर,
जीवन  का  पाठ  पढाती है।

भटके  हुए  मुसाफ़िर  को,
वह मंजिल तक ले जाती है।
जो इसकी नित्य पान करे,
उसे अज्ञ से ज्ञानी बनाती है।

अच्छी किताबों से संगति बनाएँ।
स्वयं  को  कुविचार  से  बचाएँ।।
विस्तृत  ज्ञान  का सृजन  करके।
पूरी दुनिया  को लाभ  पहुँचाएँ।।

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कुन्दन बहरदार
पूर्णिया, बिहार
6201665486






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