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माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

दीपावली

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  दीपावली ००0०० रजनी   हुई   सुहागन   दीपावली   में। लाली   चुनर  लिए  है   दीपावली  में। तृण-तृण महक उठा है शब संग यारों।  पावन   पुनीत  है  जग  दीपावली  में।  जग मग जले भुवन हिन्दुस्तान के सम।  चारों   तरफ  खुशी  है  दीपावली   में।  बम    छुरछुरी   पटाखे    राकेट   छूटे।  नभ   में   छटा  बनाये   दीपावली   में।  लक्ष्मी  गणेश  माँ वीणा पाणि  काली।   सारे    कुबेर    लाये    दीपावली    में।  आशीष आज ले लो  तुम भी सभी से।  बरकत  तुझे  मिलेगी  दीपावली   में।।  कुन्दन कुंज  बनमनखी, पूर्णिया  बिहार (१४/११/२०)