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माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

शिक्षक

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  शिक्षक ऋद्धि सिद्धि हे त्रिपुरारी! सुनों हे गुरुवर मेरे मुरारी। तुम हो जौहरी मेरे दाता। तुझपे जाऊँ मैं बलिहारी। मानव तन में तू है विधाता। जड़ चेतन को ज्ञानी बनाता। तेरी शरण में जो भी आता। ज्ञान दीप्त है वो मनु पाता।। विकार मन का तू है हरता, तेज पुंज रग- रग में भरता। सारे देवगण तेरा अनुयायी, तेरा सुमिरन सब है करता। एकलव्य सम मैं बन जाऊँ, तेरे चरण में भुजा मैं चढ़ाऊँ। तू है द्रोण तू ही है शुक्राचार्य, तेरी महिमा सब को सुनाऊँ। तुम हो सृष्टि के ज्ञान सागर, हम सब का गुरु तू प्रभाकर। शूरवीर सबको एक ही जनता, माँ -पिता है परम अभियंता।। ------------------------------------ कुन्दन कुंज बनमनखी, पूर्णिया बिहार, 6201665486

शिक्षक दिवस

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शिक्षक दिवस गुरू हम पर कृपा करना {2}  गुरू हम पर दया करना। अपनी ज्ञान पुंजों से तुम,  सदा शिक्षा का प्रसार करना।  दूर हो अज्ञानता का अंधेरा  ऐसा हम पर प्रभा करना। चमकू सितारों की भांति,  मन का विकार दूर करना।  ईर्ष्या, द्वेष से रहे दूर हम,  ऐसा ज्ञान प्रदान करना।। गुरू हम पर कृपा करना {2}  गुरू हम पर दया करना। । सदा सच का दामन थाम चलूँ,  हममें ऐसा हौसला प्रबल करना।  बनूँ दीन हीन सभी का सहारा,  ऐसा ज्ञान बूंद का वर्षा करना।। देखों कैसे भटक रहा है,  पी.एचडी, बी. काॅम,बी.टेक  धारी ।  हम हैं केवल बीए, बीएससी,  कौन समझे, हमारी लाचारी। गुरू हम पर कृपा करना ।{2} गुरू हम पर दया करना ।। कोई भी हमारी नौकरी लगाओं,  इस बेरोजगारी से हमें बचाओं।  ये कैसी मुसीबत है गुरू भारी,  अब लगा दो नौकरी गैर या सरकारी।। ऐसा इल्म गुरु दे दो हमें,  खुद रोजगार दे सकूं ओरों को।  बेरोजगार ना रहे हम,  बस ये आखिरी ऊपकार करना।। गुरू हम पर कृपा करना ।{2}  गुरू हम पर दया करना ।। कुंदन बहरदार  पूर्णिया (बिहार)...