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माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

रक्षाबंधन पर कविताएं

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रक्षाबंधन ------------- आई  राखी  का त्यौहार। खुशियाँ  लाई है हजार।। बहना झूमें  खुशियों संग। पा भाई का अटूट प्यार।। रोली कुमकुम थाल लाई। आरती का दीप जलाई।। बाँध  कलाई  पर  राखी। भाल पर तिलक लगाई।। उमंगों के शिखर पर चढ़। भैया ने राखी बँधवाया।। बादल भी उमर घूमर कर। पावन पुनीत गीत गाया।। बहन माँ सम होता रिश्ता। भाई है बहना का फरिश्ता।। हर संकट में बन कर ढाल। भाई लेता है मोर्चा संभाल।। एक कसम दिलवा दो बहना। मानें भाई बाबू माँ का कहना।। रक्षा करे हर किसी की बहना। वो लेकर योद्धा का अवतार।। आई  राखी  का त्यौहार। खुशियाँ  लाई है हजार।। कुन्दन कुंज बनमनखी, पूर्णिया 6201665486 02/08/ 20 रक्षाबंधन दूसरी कविता - 02 कवयित्री - सोनम चन्द्रा  पूर्णिया, बिहार  भैया तुम इस राखी पर आना   भैया तुम इस बार राखी में आना,  बहना के हाथो से राखी बंधवाना।  नहीं चाहिए कुछ तुमसे भैया,  बस तुम बहना पे आशीष बनाना।  इसी तरह मार्गदर्शन दे कर,  हमें अपनी मंजिल तक पहुँचाना।  तुम करते फ़िक्र कितनी,...