माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

ग़ज़ल

 1.

ग़ज़ल 

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कोई जाता है तो जाने दे।

कोई आता है तो आने दे।


तू  खुद का  एहतराम कर।

बागी को बागी हो जाने दे। 


ये  दोस्ती  तूझे  ले  डूबेगी। 

वो जो खाता है तू खाने दे। 


तू "तू है वो वो है जाना ना। 

कोई  सोता  है तो  सोने दे। 


जानू  तेरी  जाना  कैसी है। 

ऐसी  बातों को  ना दाने दे। 


जाने क्यों डर ता है तू यारा। 

उन्हें दिल का मरहम लाने दे। 

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कुन्दन कुंज 

पूर्णिया, बिहार 

३०/१०/२०



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