माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

माँ

 

माँ
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अम्बिका अम्बिके माँ तू न्यारी।
समस्त भुवन माँ तू बलिहारी।

तू करूणा निधि सृजन कर्ता। 
तू शैलजा गंगा सम दुःख हर्ता।

हम सब हैं तेरे ही अंश माता। 
तू हम सबका भाग्यविधाता।

हम  हैं  तेरे  चरणों  का  धूल।
तेरी प्रेम बगिया का एक फूल।

रख  देती हो  कर तुम अपना। 
बीन  कर  पाँव  तले का शूल। 

तू पावन पुनीत प्रेम की धारा।
तू वसुधा, अम्बर, तरु हमारा।

हूँ अभिभूत पा कर प्रेम अपार। 
सुमन सम खिलता तेरा परिवार। 

अमूल्य अमर शीतल तेरा प्यार। 
तूझसे औ'तूझमें विलीन संसार।

पर्वत - सा पीड़ तुम सहती जाती।
बन कर अम्बर स्नेह सुधा बरसाती।

जनती हो मणि रत्न और शूरवीर। 
काट आत्मा को पिलाती हो क्षीर।
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कुन्दन कुंज 
बनमनखी, पूर्णिया 
01/10/20








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