माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan
नज्म़
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इस सदी के चाँद को किसने देखा है।
मौत होगी उससे पहले किसने देखा है।
ठहर जाओ वक्त को खरीदने वालों।
राजा को रंक बनते किसने देखा है।
महकती कलियाँ तोड़ मुस्कुराते हो।
इन्हें दर्द से तरपता किसने देखा है।
धनु पे शर रख खुद पर अजमाते हो।
मौत को करीब आते किसने देखा है।
चन्द मुसीबतों के फंदे से लटकने वालों।
मौत से जिंदगी हसीन है किसने देखा है।
खुद पे अकीन नहीं पर रब को मानते हो।
खुदा जमीन पर है उसे किसने देखा है।
तरासता चल गतिशील होकर मेहनत से।
किस्मत का पन्ना पलटते किसने देखा है।।
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कुन्दन कुंज
बनमनखी, पूर्णिया
30/09/20
Mind blowing and Awesome Poem superb...keep it up dear❤️❤️❤️❤️❤️❤️
जवाब देंहटाएंबहुत जबरदस्त गुरु
जवाब देंहटाएंआप इसी तरह से आगे बढ़ते रहें हम सबों की शुभकामनाएं आपके साथ हैं,,
So Beautiful kavita
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