माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

बदल दे तकदीर

 

बदल दे तकदीर

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उम्मीद की किरण से, बाँध दे शमा को।
मजबूत इरादों से, लांघ दे आसमां को।।
देख तेरी मंजिल, तेरी राह देख रही है।
आज तू कर फ़तह, खुद के अरमां को।

वक्त है तुम्हारा, वक्त तुम्हीं से बदलेगा।
साध्य दे लक्ष्य को, पत्थर भी पिघलेगा।
थामकर चलता चल, मन की डोर को।
इस माया नगरी में,तेरा मन भी मचलेगा।

यकीन रख खुद पर, तू खुद का साथी है।
तू तम को हरने वाला, ज्योत की बाती है।
मत खो हौसला को, एक छोटी  हार से।
हर हार के बाद, जीत की बारी आती है।।

जो अडिग रहता है, हर मुसीबत में यहाँ।
एक दिन उसी के पीछे, चलती है कारवाँ।
बनकर असि चीरता जा, तू हर तूफां को।
अगर बदलना है कुछ,बदल दे तकदीर को।

कुन्दन कुंज
बनमनखी, पूर्णिया
30/08/20



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