माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan
उम्मीद की किरण से, बाँध दे शमा को।
मजबूत इरादों से, लांघ दे आसमां को।।
देख तेरी मंजिल, तेरी राह देख रही है।
आज तू कर फ़तह, खुद के अरमां को।
वक्त है तुम्हारा, वक्त तुम्हीं से बदलेगा।
साध्य दे लक्ष्य को, पत्थर भी पिघलेगा।
थामकर चलता चल, मन की डोर को।
इस माया नगरी में,तेरा मन भी मचलेगा।
यकीन रख खुद पर, तू खुद का साथी है।
तू तम को हरने वाला, ज्योत की बाती है।
मत खो हौसला को, एक छोटी हार से।
हर हार के बाद, जीत की बारी आती है।।
जो अडिग रहता है, हर मुसीबत में यहाँ।
एक दिन उसी के पीछे, चलती है कारवाँ।
बनकर असि चीरता जा, तू हर तूफां को।
अगर बदलना है कुछ,बदल दे तकदीर को।
कुन्दन कुंज
बनमनखी, पूर्णिया
30/08/20
Superb 😍🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
हटाएंNice writing
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
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