माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan
नज्म़
------------------------------
खुद को तू आयाम दे।
पाँव को ना आराम दे।
बढता चल अविराम तू।
अपने नाम को नाम दे।
ठाना है लक्ष्य जो तूने।
आज उसे तू अंजाम दे।
आत्मबल है तेरा साथी।
इसको सदा सम्मान दे।
भुजबल को साध ज्ञान से।
खुद को इक पहचान दे।
मन में लिए समर्पण भाव।
भीड़ में अलग मुकाम दे।
सरहद पे है खड़ा हिमालय।
उसको नित्य सलाम दे ।।
----------------------------------
कुन्दन कुंज
बनमनखी, पूर्णिया
02/10/20
So nice kavita✍ kavi kuandan ji
जवाब देंहटाएं