माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

नज्म़

 नज्म़ 

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खुद  को  तू आयाम  दे।

पाँव  को  ना  आराम दे।


बढता  चल अविराम तू।

अपने  नाम को  नाम दे।


ठाना  है  लक्ष्य  जो तूने।

आज  उसे तू अंजाम दे।


आत्मबल है तेरा साथी। 

इसको  सदा सम्मान दे। 


भुजबल को साध ज्ञान से। 

खुद  को  इक  पहचान दे। 


मन में लिए समर्पण भाव। 

भीड़  में  अलग मुकाम दे। 


सरहद पे है खड़ा हिमालय। 

उसको  नित्य  सलाम  दे ।। 

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कुन्दन कुंज 

बनमनखी, पूर्णिया 

02/10/20










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