माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

चित्र
 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

शिक्षक दिवस


शिक्षक दिवस

गुरू हम पर कृपा करना {2} 
गुरू हम पर दया करना।

अपनी ज्ञान पुंजों से तुम, 
सदा शिक्षा का प्रसार करना। 
दूर हो अज्ञानता का अंधेरा 
ऐसा हम पर प्रभा करना।

चमकू सितारों की भांति, 
मन का विकार दूर करना। 
ईर्ष्या, द्वेष से रहे दूर हम, 
ऐसा ज्ञान प्रदान करना।।

गुरू हम पर कृपा करना {2} 
गुरू हम पर दया करना। ।

सदा सच का दामन थाम चलूँ, 
हममें ऐसा हौसला प्रबल करना। 
बनूँ दीन हीन सभी का सहारा, 
ऐसा ज्ञान बूंद का वर्षा करना।।

देखों कैसे भटक रहा है, 
पी.एचडी, बी. काॅम,बी.टेक धारी। 
हम हैं केवल बीए, बीएससी, 
कौन समझे, हमारी लाचारी।

गुरू हम पर कृपा करना ।{2}
गुरू हम पर दया करना ।।

कोई भी हमारी नौकरी लगाओं, 
इस बेरोजगारी से हमें बचाओं। 
ये कैसी मुसीबत है गुरू भारी, 
अब लगा दो नौकरी गैर या सरकारी।।

ऐसा इल्म गुरु दे दो हमें, 
खुद रोजगार दे सकूं ओरों को। 
बेरोजगार ना रहे हम, 
बस ये आखिरी ऊपकार करना।।

गुरू हम पर कृपा करना ।{2} 
गुरू हम पर दया करना ।।

कुंदन बहरदार 
पूर्णिया (बिहार) 
०१.०९.१९
समय :-३:२४ ए.एम
.




 


टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

शुक्रिया आदरणीय पाठक कि आपने हमें अपना कीमती समय दिया।
अगर आपको कोई भी समस्या है हमारे पोस्ट से जुडा हुआ तो हमें अवश्य सूचित करें। ताकि उन त्रुटियों का तुरंत निवारण कर सके।
और यदि आप अपना कोई सुझाव देना चाहते हैं तो हमें अवश्य दें।
आप हमें मेल कर सकते हैं
kundanbahardar@gmail.com
पर

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

समसामयिक दोहे

रक्षाबंधन पर कविताएं

प्रेम कविता