माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

चित्र
 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

सुन्दर तस्वीर

 चित्र आधारित कविता 


प्रेम संग पिहुवन मातु अवतारी।
सौम्य सूरत लगे नयन कटारी।।

स्नेहिल सरोवर भयो बलिहारी।
चंदन वन सम, सूता है प्यारी।।

हरित चीर  सोहे कंगन, बाली।
अद्भुत छटा संगम है निराली।।

पुष्पित पुलकित अहो भाग्यशाली।
मधुवन सम तन यौवन मतवाली।।

मधुर मुस्कान रूप है सुहावन।
प्रिय प्रीत मन उर है लुभावन।।

देख दृश्य कुंज भाग्य इठलावे।
राग भैरवी गीत सबको सुनावे।।
कुन्दन कुंज
बनमनखी, पूर्णिया 


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