माँ पर बेहतरीन गीत //kavi kundan

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 माँ  ख्वाबों में तू है ख्यालों में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तूझे दिल में बसाया है पलकों पर बैठाया है अपने मन के मंदिर में सिर्फ तेरा घर बनाया है मुझमें बहता हर रक्त है तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। तू भगवान हमारा है तू पहचान हमारी है तूझे कैसे बताऊँ माँ तू तो जान हमारी है सांसों में तू है धड़कन में तू मेरा है जन्नत मेरी है आरज़ू। कुन्दन कुंज  पूर्णिया, बिहार 

परी

 

परी 

भाल तिलक मृगनयनी। 

चंचल मन घर की मयनी।

माँ की जान पिता की प्यारी।
परियों जैसी लगती हो न्यारी।

रूप लुभावन, मन भावन।
जन्मदिवस है, तेरा पावन।

मधुर मिठास, तेरी वाणी।
पलकों पे बैठाई है नानी।

चले सदा है तेरी मनमानी।
लगती हो परियों की रानी।

काली घटा बदरी बन घुमडे।
छोटे-छोटे प्यारे, तेरे नखरे।।

स्वेत वरण है तुझको भाती।
अनंत खुशियाँ तूझमें पाती।

तुम्हें मिले यश मेरी है कामना।
मैं प्रभु से करता हूँ आराधना।।

कुन्दन कुंज
बनमनखी, पूर्णिया
6201665486








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